KKN गुरुग्राम डेस्क | जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आ रहे हैं, जनता का मूड भी साफ होता जा रहा है। India Today-CVoter सर्वे के अनुसार, बिहार में मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव जनता की पहली पसंद बनकर उभरे हैं। मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस सर्वे में तेजस्वी से पीछे नजर आ रहे हैं।
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यह सर्वे राजनीतिक विश्लेषकों को चौंकाने वाला लगा है क्योंकि यह दिखाता है कि बिहार की राजनीति में नेतृत्व को लेकर अब नया रुख बनता जा रहा है।
तेजस्वी यादव: युवाओं की पहली पसंद
सर्वे के अनुसार, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को लगभग 47% वोटर्स मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी पहली पसंद मानते हैं। खासकर शहरी और युवाओं में उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है।
तेजस्वी की लोकप्रियता के कारण:
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रोजगार और युवाओं पर फोकस
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बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के खिलाफ मुखरता
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“बिहार के भविष्य” की छवि बनाना
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पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्ग का समर्थन
नीतीश कुमार: अनुभव के बावजूद गिरावट
करीब दो दशकों से बिहार की राजनीति का चेहरा रहे नीतीश कुमार इस सर्वे में लगभग 39% समर्थन के साथ दूसरे स्थान पर हैं। हालांकि उनका अब भी ग्रामीण और वरिष्ठ मतदाताओं में अच्छा समर्थन बना हुआ है, लेकिन युवाओं का रुझान अब उनसे हटता दिख रहा है।
लोकप्रियता में गिरावट के कारण:
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लंबे समय से सत्ता में रहने से ‘एंटी-इंकंबेंसी’
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बार-बार गठबंधन बदलना
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रोजगार और शिक्षा पर अपेक्षाएं पूरी न करना
अन्य नेताओं का प्रदर्शन
इस सर्वे में बीजेपी, कांग्रेस और अन्य छोटे दलों के नेताओं को मुख्यमंत्री पद के लिए जनता का बहुत कम समर्थन मिला।
बीजेपी की स्थिति:
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कोई स्पष्ट मुख्यमंत्री चेहरा नहीं
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सम्राट चौधरी, नित्यानंद राय जैसे नाम चर्चा में लेकिन जनता का भरोसा कम (10% से भी नीचे)
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भाजपा मतदाताओं में स्पष्टता की कमी
कांग्रेस, एलजेपी और AIMIM:
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लोकप्रियता का ग्राफ बेहद नीचे
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छोटे क्षेत्रों तक सीमित प्रभाव
जनता के लिए अहम मुद्दे (Issue-Based SEO Focus)
C-Voter सर्वे के अनुसार, बिहार के मतदाताओं के लिए यह 5 सबसे बड़े चुनावी मुद्दे हैं:
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बेरोजगारी – सर्वे में 40% से अधिक लोगों ने इसे सबसे बड़ी चिंता बताया
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महंगाई – पेट्रोल, गैस, खाद्य सामग्री की बढ़ती कीमतें
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स्वास्थ्य सुविधाएं – ग्रामीण क्षेत्रों में कमजोर स्वास्थ्य ढांचा
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शिक्षा की गुणवत्ता – खासकर सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में
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कानून व्यवस्था – महिलाओं की सुरक्षा और अपराध दर को लेकर चिंता
यह मुद्दे तेजस्वी यादव के प्रचार अभियान के मूल में हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता और बढ़ी है।
जातिगत समीकरण और क्षेत्रीय समर्थन
बिहार में जाति आधारित राजनीति एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सर्वे में जातिगत समर्थन का ये रुझान दिखा:
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यादव, मुस्लिम वोटर – तेजस्वी यादव के पक्ष में भारी समर्थन
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ब्राह्मण, राजपूत, कायस्थ – बीजेपी और नीतीश के पक्ष में रुझान
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दलित और EBC वर्ग – अभी भी बंटा हुआ, ये वोट निर्णायक हो सकते हैं
क्षेत्रीय स्तर पर समर्थन:
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उत्तर बिहार – मुजफ्फरपुर, दरभंगा में तेजस्वी की बढ़त
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दक्षिण बिहार – पटना, गया में कांटे की टक्कर
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सीमांचल – अल्पसंख्यकों का प्रभाव, AIMIM फैक्टर भी अहम
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मगध और भोजपुर – झुकाव स्पष्ट नहीं, ‘स्विंग वोटर्स’ की भूमिका
सर्वे की पद्धति (Survey Methodology)
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नमूना आकार: 15,000+ उत्तरदाता
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अवधि: मई 2025
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कवरेज: बिहार के सभी 38 जिले
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त्रुटि की संभावना: ±3%
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सर्वे टेलीफोन और फील्ड इंटरव्यू के जरिए किया गया
2020 के चुनावों की झलक
2020 विधानसभा चुनाव में एनडीए (बीजेपी-जेडीयू गठबंधन) ने महागठबंधन को मात दी थी:
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NDA को मिले थे: 125 सीटें
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महागठबंधन को मिले थे: 110 सीटें
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बहुमत का आंकड़ा: 122
लेकिन बाद में नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़कर फिर से महागठबंधन में प्रवेश किया, जिससे अब समीकरण पूरी तरह बदल चुके हैं।
आगामी रणनीति पर असर
तेजस्वी यादव के लिए:
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युवाओं पर केंद्रित प्रचार अभियान को और धार देना
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बेरोजगारी और विकास को मुख्य एजेंडा बनाए रखना
नीतीश कुमार के लिए:
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अपनी प्रशासनिक उपलब्धियों को दोबारा सामने लाना
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ग्रामीण और महिला मतदाताओं से संपर्क मजबूत करना
बीजेपी के लिए:
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जल्द से जल्द मुख्यमंत्री चेहरा तय करना
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शहरी और मध्यम वर्ग को जोड़ने की रणनीति बनाना
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C-Voter सर्वे 2025 ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार की राजनीति अब एक चेहरा आधारित मुकाबले की ओर बढ़ रही है। एक ओर तेजस्वी यादव हैं, जो युवा, रोजगार और बदलाव की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार हैं, जो अनुभव और स्थायित्व का प्रतीक हैं।
हालांकि चुनाव अभी दूर हैं, लेकिन यह सर्वे पार्टियों को अपनी रणनीति मजबूत करने का स्पष्ट संकेत देता है।
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